जलती है वो हर पल आज भी जलती है वो हर पल आज भी
खुद में एक नई कहानी है, हर नारी की जुबानी है! खुद में एक नई कहानी है, हर नारी की जुबानी है!
एक बैसाख की पूर्णिमा है और मन बुद्ध होना चाहता है। एक बैसाख की पूर्णिमा है और मन बुद्ध होना चाहता है।
मेरा साथ और विश्वास बनकर तुम रहो करीब मेरे। मेरा साथ और विश्वास बनकर तुम रहो करीब मेरे।
कुछ जग से है नही चाह, बस प्रभु करुणा पर जीना है।। कुछ जग से है नही चाह, बस प्रभु करुणा पर जीना है।।
प्रेम दया और करुणा वाला, मन मलमल सा कोमल हो। प्रेम दया और करुणा वाला, मन मलमल सा कोमल हो।